बस्तर लोकसभा चुनाव की सुरक्षा में 60 हजार जवान तैनात
पहले चरण के लोकसभा चुनाव में 11 प्रत्याशी मैदान में
दिलीप साहूलोकसभा चुनाव के पहले चरण में छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होना है। नक्सली इलाका होने के कारण यहां पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा में लगभग 60 हजार जवान तैनात हैं। इस सीट के लिए दो अलग-अलग समय पर मतदान होगा। मतदाताओं को निष्पक्ष रूप से वोट करने की अपील की गई है।

बस्तर लोकसभा चुनाव के लिए कुल 1961 मतदान केंद्र बनाया गया है, जिसमें 1957 मूल मतदान केंद्र हैं। वहीं चार सहायक मतदान केंद्र बनाया गया है। लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा में सुबह सात से तीन बजे तक मतदान होगा। बताया जा रहा है कि बस्तर और जगदलपुर में सुबह सात से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। वहीं 800 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग की जाएगी।
60 हजार जवान हैं तैनात
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इस सीट पर 196 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं। इसके सुरक्षा को लेकर सुरक्षा की पुख्ता इंतजाम कर चुकी है। बस्तर में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए पिछले एक सप्ताह से 60 हजार जवान तैनात हैं।
छत्तीसगढ़ की यह हॉट सीटों में से एक
लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ की यह हॉट सीटों में से एक है। यहां से कांग्रेस ने जहां कद्दावर नेता पूर्व मंत्री कवासी लखमा को मैदान में उतारा है, वही बीजेपी ने युवा नेता महेश कश्यप पर दांव खेला है। बस्तर लोकसभा सीट को लेकर दक्षिण कोसल के सहायक सम्पादक दिलीप साहू की खास रिपोर्ट।
महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा
बस्तर लोकसभा में कुल 14 लाख 72 हजार 207 मतदाता हैं। इसमें से पुरुष मतदाता की संख्या सात लाख 746 हैं। महिला मतदाताओं की संख्या सात लाख 71 हजार 679 हैं। वहीं तृतीय लिंग मतदाताओं की संख्या 52 है। इसमें 18 से 19 साल के मतदाताओं को संख्या 47 हजार 10 है, दिव्यांग 12 हजार 703, 85 प्लस तीन हजार 487 और 100 प्लस मतदाताओं की संख्या 119 है।
संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्र
बस्तर लोकसभा सीट पर कुल 1961 मतदान केंद्र बनाएं गए हैं। इनमें से बस्तर लोकसभा सीट के अंतर्गत आठ विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें पांच विधान सभा के अंदरूनी इलाके को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखी गई हैं, जिसके तहत 61 मतदान केंद्र आते हैं वहीं 196 संवेदनशील मतदान केंद्र है। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों में ही सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होना है। वहीं सामान्य केंद्रो में शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे।
कौन कितनी बार जीता?
इस सीट पर 1952 से अब तक
कांग्रेस - 6
भाजपा - 6
जनता पार्टी - 1
निर्दलीय प्रत्याशी - 5 बार जीते हैं।
बस्तर में 11 प्रत्याशी लड़ेेगे चुनाव
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि बस्तर लोकसभा सीट से कुल 11 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें से तीन उम्मीदवार मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल से हैं। छह रजिस्ट्रीकृत और दो निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।
कांग्रेस से कवासी लखमा,
बीजेपी से महेश कश्यप,
सीपीआई से फूलसिंह कचलाम,
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से टीकम नागवंशी,
बहुजन समाज पार्टी से आयतुराम मंडावी,
हमर राज पार्टी से नरेंद्र बुरका,
सर्व आदि दल से शिवराम नाग,
राष्ट्रीय जन सभा पार्टी से कंवल सिंह बघेल,
आजाद जनता पार्टी से जगदीश नाग,
निर्दलीय - सुंदर बघेल, और
निर्दलीय - प्रकाश गोटा शामिल हैं।
कौन हैं कवासी लखमा और महेश कश्यप
बस्तर लोकसभा में आठ विधानसभाएं आती हैं। जिनमें कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, चित्रकोट, बीजापुर और कोंटा हैं। इन 8 विधान सभाओं की बात करें तो 5 विधान सभाओं में बीजेपी का कब्जा है, जबकि 3 विधान सभा कांग्रेस के पास है। कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार कद्दावर नेता पूर्व मंत्री कवासी लखमा को बनाया है, जो कोंटा विधानसभा से विधायक भी हैं। लखमा पिछली कांग्रेस सरकार में आबकारी और उद्योग मंत्री भी रह चुके हैं।
वहीं बीजेपी की ओर से महेश कश्यप चुनाव मैदान में हैं। महेश कश्यप सरपंच संघ के अध्यक्ष रहने के साथ ही वर्तमान में बीजेपी एसटी मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी हैं। हिंदुत्व के नेता की छवि होने की वजह से पार्टी की तरफ से इन्हें टिकट देना बताया जा रहा है। बस्तर में धर्मांतरण रोकने के लिए महेश कश्यप के नेतृत्व में कई रैलिया और आंदोलन हुई। बीजेपी ने महेश कश्यप पर भरोसा जताते हुए सरपंच से सीधे सांसद का टिकट दिया है।
पहले चरण के मतदान को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा है कि ‘सरकार की तरफ से मतदान के लिए पूरी तैयारी की गई है। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। मतदान करने समय पर पहुंचे। निर्वाचन आयोग अपनी पूरी तैयारी कर ली है। लोगों से अपील करता हूं कि निर्भय होकर अपने घरों से निकले। ये आपका अधिकार है। अपने अधिकार का अवश्य उपयोग करें। बस्तर की शांति और खुशहाली के लिए बस्तर के विकास के लिए आगे बढ़े और नरेंद्र मोदी जी का हाथ मजबूत करें।’
वहीं कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि जनता का रुझान इस बार बीजेपी के खिलाफ है। न सिर्फ बस्तर बल्कि पूरे प्रदेश में केंद्र के बीजेपी सरकार के खिलाफ माहौल है। लोग इस बार केंद्र में बदलाव चाहते हैं।
बहरहाल बस्तर में प्रचार का शोरगुल थम गया है। प्रचार के दौरान सभी प्रत्याशियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में प्रभावित करने का भरपूर प्रयास किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कद्दावर नेता राहुल गांधी ने यहां आमसभा लेकर मतदाताओं को अपना संदेश दिया है, अब देखना बाकी है कि बस्तर लोकसभा के मतदाता किसके सिर ताज पहनाते हैं।
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