मशहूर लोक गायिका तथा कलाकार पूनम तिवारी को अकादमी पुरस्कार 

बेटे की मौत पर वह टूटी जरूर पर रोई नहीं

सुशान्त कुमार

 

छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार पूनम तिवारी, जिन्होंने छत्तीसगढ़ी लोक कला संस्कृति का गौरव और मान देश सहित अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया है। ‘दाऊ मंदराजी पुरस्कार’ से पुरस्कृत पूनम का नाचा-गम्मत से गहरा लगाव है।

उन्होंने छत्तीसगढ़ी लोकनाट्य नाचा के पितामह- दाऊ मंदराजी के साथ नाचा की प्रस्तुति भी दी है। पूनम, दाऊ मंदराजी को अपना गुरु एवं प्रेरणा स्त्रोत मानती है। राजनांदगांव छत्तीसगढ़ की लोक कलाकार पूनम विराट तिवारी को राष्ट्रपति के हाथों संगीत नाटक अकादमी अवार्ड प्राप्त हुए।

आज से 6 साल पहले इनके पति दीपक विराट तिवारी को भी इस अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका था, विदित हो कि वह नाटक ‘चरणदास चोर’ के कलाकार के रूप में चर्चित रहे हैं।

आइए जानते हैं कौन हैं पूनम तिवारी

पूनम की कहानी भी कुछ अलग ही है। 60 वर्षीय पूनम तिवारी के लोक कलाकर पति पहले ही इस दुनिया से अलविदा हो चुके थे, और 30 वर्षीय कलाकार बेटा सूरज तिवारी हृदय रोग से जूझ रहा था। 2019 में वह भी माँ को अकेला छोड़ गया।

बेटे ने अपनी मां से वादा लिया था कि उसकी मौत के बाद वह आंसू नहीं बहाएंगी। बेटे की अंतिम इच्छा थी कि माँ लोकगीत गाकर दुनिया से विदा करें। पूनम ने अपनी बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए ऐसा ही किया था।

इस काम एक मां ही कर सकती थी, जिसे पूनम ने पूरा किया। बेटे की मौत पर वह टूटी जरूर पर रोई नहीं। उन्होंने अपने दिल पर पत्थर रखकर गाना गाया।  बेटे की मौत पर उन्होंने ‘चोला माटी के हे राम, एखर का भरोसा’ लोकगीत का गायन कर पुत्र को अंतिम विदाई दी थी। 

यह घटना खूब चर्चा में रही। बेटे की अर्थी के सामने माँ का गाने का मार्मिक दृश्य हर किसी को रुला गया। दक्षिण कोसल के यूट्यूब चैनल में इसे देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ी लोककला और परंपरा को आगे बढ़ाया है।  

बताते चले कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध रंगकर्मी पद्मश्री हबीब तनवीर के साथ उन्होंने कई प्रस्तुतियां दी और छत्तीसगढ़ी लोककला और परंपरा को आगे बढ़ाया। उनकी आवाज में गाया गया गीत ‘चोला माटी के हे राम’,से उन्हें बहुत प्रसिद्धि मिली। पूनम तिवारी ने नया थिएटर के साथ-साथ कई जगह अपनी प्रस्तुति दी।

वहीं, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रदेश की लोक कलाकार पूनम तिवारी को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें हार्दिक बधाई शुभकामनाएं दी है।

इसके साथ ही गणमान्य नागरिकों ने उनके इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। पूनम विराट तिवारी को संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत किया जाना पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है।

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित पूनम तिवारी ने कहा है कि वे बचपन से ही पूरे परिवार के साथ अभिनय से जुड़ी हुई है। 'रंग छत्तीसा' उनका प्रसिद्ध लोक कला मंच है। पुरस्कार मिलने की आशा उन्हें काफी पहले से ही थी। यह लोक कला का सम्मान है।


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