ओरिएंट कंपनी के मजदूरों को हक दिलाने मोर्चा ने किया प्रदर्शन
कंपनी ने मजदूरों के भोजन व्यवस्था को किया बंद
दक्षिण कोसल टीमछत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा स्थानीय मजदूरों के साथ छत्तीसगढ़ के बाहर से आने वाले मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए भी निरंतर संघर्ष करते आ रही है। पिछले दिनों ओरिएंट इस्पात कंपनी में काम करने वाले मजदूरों को न्याय दिलाने के साथ उनकी मांग और समस्याओं का समाधान करने की मांग पर छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने धरना प्रदर्शन किया।

अक्सर छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा पर आरोप लगते रहा है कि उनके आंदोलन से कम्पनियां बंद हो जाती है, लेकिन अधिकारों की मांग उठने पर स्वत: ओरिएंट कंपनी के मालिको ने कंपनी का दरवाजा बंद कर दिया।
बताते चले कि यहां के मजदूरों के समर्थकों में खेतान केमिकल्स सोमनी, बलिराम कंपनी राजनांदगांव, वर्धमान रोप्स टेड़ेसरा, एफसीआई दुर्ग तथा एसीसी सीमेंट जामुल भिलाई के कामगारों ने 4 मार्च को सुबह 11 बजे जीई रोड टेड़ेसरा चौक में प्रदर्शन पर उतर आएं। वहां से दोपहर 12 बजे छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भीमराव बागड़े व एक्टू के बिजेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में श्रमिकों के द्वारा एक रैली निकाली गई।
औद्योगिक क्षेत्र का भ्रमण करते यह रैली ओरिएंट इस्पात कंपनी के सामने पहुंची जहां धरना प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान मोर्चा के उपाध्यक्ष एजी कुरैशी, विरेन्द्र उके, जिला किसान संघ के सुदेश टीकम, टापवर्थ कंपनी रसमड़ा के प्रतिनिधि भोजराम साहू, नोखेलाल, विरेन्द्र देशलहरे, गणेश मेश्राम, एसीसी से भगत साहू, ओरिएंट से पिन्टू गुप्ता ने इस विशाल सभा को संबोधित किया।
सभा का संचालन मोर्चा के कार्यकर्ता तुलसी देवदास तथा पूनाराम साहू ने किया। सभा के दौरान मुख्यमंत्री के नाम एक अधिकार ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा गया है।
इस दौरान बंद कारखाने के सामने श्रमिकों ने जमकर नारेबाजी की। वक्ताओं ने कहा ओरिएंट कंपनी द्वारा 15 वर्षों से कार्यरत श्रमिकों को बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए काम से अलग कर दिया। फूल एंड फाइनल भुगतान भी नही किया।
श्रम विभाग में बैठक 21 फरवरी को एवं 27 फरवरी को रखी गई थी जिसमें ओरिएंट कंपनी के मालिक उपस्थित नहीं हुए जिसके चलते श्रमिकों ने धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
श्रमिकों की समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो आगामी दिनों में आंदोलन का विस्तार किया जाएगा।
बहरहाल कंपनी के मालिकों, प्रभावित मजदूरों और यूनियन नेताओं के बीच सुलह के लिए प्रयास जारी हैं।
नेता भीमराव बागड़े का कहना है कि अधिकांश मजदूर बाहर राज्य के होने के कारण काम के नहीं होने से अपने राज्य लौटने लगे हैं, इसका खास वजह जो भोजन की व्यवस्था कंपनी ने की थी उसे भी बंद करवा दिया गया है।
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