एमएसपी कानून बनाने को लेकर कलक्टर के सामने जंगी प्रदर्शन
बंद से महतारी वंदन योजना प्रभावित, भारत बंद का असर नहीं दिखा
सुशान्त कुमारदेश में दोबारा उभरते किसानों के हक और अधिकार के लिए संयुक्त ट्रेड यूनियन द्वारा निर्धारित भारत बंद के आह्वान पर राजनांदगांव में किसानों की मांग को जायज बताते हुए सीटू, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, प्रदेश किसान संघ तथा कांग्रेस आदि द्वारा संयुक्त रूप से कलेक्टर कार्यालय के सामने फ्लाई ओवर के नीचे धरना दिए। यह धरना सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक हजारों की संख्या में थी।

सभा के दौरान छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के प्रमुख भीमराव बागड़े ने कहा कि समर्थन मूल्य गारंटी कानून पास करने व श्रम कानूनों में किया गया संशोधन वापस लेने सहित अन्य मांगो के लिए किसान आंदोलनरत हैं। उन्हे दिल्ली मेें पहुंचने से रोका जा रहा है। सडक़ों को खुदाई किया गया। आंशु गैस छोड़े जा रहे हैं, गृह युद्ध जैसी स्थिति निर्मित हो रही है। जिसकी जितनी निंदा की जाए उतनी ही कम है।
बागड़े ने यह भी कहा कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ तथा ईवीएम मशीन के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की गई तथा अदानी के लिए हसदेव जंगल काटा जा रहा है जो बीस गांव के आदिवासियों का जीवन उसी पर निर्भर है उस पर रोक लगे।
सभा में उपस्थित शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि मोदी सरकार किसान विरोधी नीति अपना रही है। किसान प्रधानमंत्री से न्याय माग तो इसमें क्या गलत है। उन्होंंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े का हवाला देते हुए कहा कि न्याय यात्रा के दौरान केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों को एमएसपी कानून बनाने की गारंटी दी है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एमएसपी की गारंटी का कानून होना चाहिए, धान 50 प्रतिशत एवं गेहूं 17 प्रतिशत एमएसपी पर बाकी फसल 1 प्रतिशत से कम में खरीदी जाती है। एमएसपी की मांग को कांग्रेस पार्टी पूरी करेगी। केन्द्र में सरकार बनते हो 15 करोड़ किसान परिवारों, 62 करोड़ किसानों को एमएसपी दिला कर राहत देंगे। एमएसपी कानून बनने से किसान को उसकी फसल का दाम मिलेगा, उसका शोषण नहीं होगा।
इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने 7 सूत्रीय मांगों पर कलेक्ट्रेट के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर आवाज बुलंद की। संगठन पदाधिकारियों ने कहा केन्द्र सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय नहीं बढ़ाया है। महंगाई आसमान छू रही है। हमारे कच्चों के लिए रोजगार नहीं है। केन्द्र सरकार ने 1 फरवरी को जो बजट पेश किया वह पिछले बजट की तुलना में आईसीडीएस के लिए 321 करोड़ सास्या इस बजट में कम कर दिया गया है।
गजेन्द्र झा और बागड़े ने कहा कि श्रमिक नेताओं ने कहा कि भारत के 47 करोड़ मजदूरों के खिलाफ विगत कई वर्षों से केन्द्र सरकार ने 4 लेबर कोड बना रखा है, जो मजदूरों के सभी जनतांत्रिक श्रम अधिकार छीनने वाला और कारपोरेट घरानों को मदद पहुंचाने वाला है। केन्द्र सरकार इस कोड को वापस ले।
किसानों को केन्द्र सरकार ने सभी फसलों का न्यूनतम लाभकारी दाम (एमएसपी) देने, आंदोलन के समय मुकदमों को वापस लेने वादा किया था। लेकिन वादा पूरा नहीं किया है। राज्य सरकार ने चुनाव से पहले आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन मजदूर, आशा वर्कर के मानदेय में 50 प्रतिशत वृद्धि का वादा किया था उसे भी पूरा नहीं किया है।
बंद से महतारी वंदन योजना प्रभावित, भारत बंद का असर नहीं दिखा
आंगनबाड़ी कर्मकर्ताओं को इस हड़ताल के कारण शुक्रवार को आंगनबाडिय़ों में काम प्रभावित रहा। आंगनबाड़ी में महतारी वंदन योजना का फार्म भरा कर जमा लिया जा रहा है। इसकी अंतिम तिथि 20 फरवरी है कार्यकर्ताओं की इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। कार्यकर्ताओं की हड़ताल के कारण महतारी वंदन योजना का फार्म जमा करने आंगनबाड़ी पहुंची महिलाओं को वापस लौटना पड़ा।
जिले में भारत बंद का असर नहीं दिखा। इस दौरान हुई सभा को सीटू के नेता गजेन्द्र झा, शैलेन्द्री कोसरे, होमिन साहू, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भीमराव बागड़े, प्रदेश किसान संघ से सुदेश टीकम, अशोक साहू, विरेन्द्र उके, शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा, ग्रामीण अध्यक्ष भागवत साहू, उपाध्यक्ष पंकज बांधव, महामंत्री महेन्द्र यादव, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता रूपेश दुबे, पंकज बांधव, शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष मोहम्मद यहया, महामंत्री अमित चंद्रवंशी, ब्लॉक अध्यक्ष आसिफ अली, सूर्यकांत जैन ने संबोधित किया।
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