किसान मार्च: एमएस स्वामीनाथन की बेटी ने कहा- अन्नदाताओं के साथ अपराधियों जैसा बर्ताव न करें

किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक नए कानून की आवश्यकता है

दक्षिण कोसल टीम

 

कृषि  वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के उपलक्ष्य में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी बेटी मधुरा स्वामीनाथन ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान ‘हमारे अन्नदाता’ हैं और उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस तथा द वायर के मुताबिक, उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में एक स्मृति व्याख्यान में कहा, ‘अखबारों की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में उनके लिए जेलें तैयार की जा रही हैं, बैरिकेडिंग की जा रही है, उन्हें रोकने के लिए हर तरह की चीजें की जा रही हैं. ये किसान हैं, अपराधी नहीं हैं. मैं आप सभी से, भारत के प्रमुख वैज्ञानिकों से अनुरोध करती हूं कि हमें अपने अन्नदाताओं से बात करनी होगी, हम उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं कर सकते. हमें समाधान ढूंढना होगा. यह मेरा अनुरोध है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर हमें एमएस स्वामीनाथन का सम्मान करना है तो हम भविष्य के लिए जो भी रणनीति बना रहे हैं उसमें किसानों को अपने साथ लेकर चलना होगा.’

बेंगलुरू के भारतीय सांख्यिकी संस्थान में आर्थिक विश्लेषण इकाई की प्रमुख मधुरा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुईं.

एमएस स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है, जिसमें ऐसी प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया जिससे फसल की पैदावार में वृद्धि हुई और देश की भोजन की कमी की समस्या कम हो गई.

वैज्ञानिक और आईएआरआई के पूर्व निदेशक आरबी सिंह भी कार्यक्रम में मौजूद थे. वह भी 2000 के दशक के मध्य में किसान संकट का अध्ययन करने वाले स्वामीनाथन आयोग का हिस्सा थे. एनडीटीवी के मुताबिक, उन्होंने कहा कि भारतीय किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक नए कानून की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, ‘किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिले, इसके लिए आयोग की सिफारिशों को ठीक से लागू करने के लिए देश में एमएसपी पर नया कानून बनाना जरूरी है.’

सिंह ने टीवी चैनल को यह भी बताया कि आयोग द्वारा अनुशंसित व्यवस्था जिसमें एमएसपी को फसल उत्पादन की लागत से कम से कम 50 फीसदी अधिक स्तर पर तय किया जाएगा, को ‘देश में एक समान तरीके से लागू नहीं किया गया है.’


Add Comment

Enter your full name
We'll never share your number with anyone else.
We'll never share your email with anyone else.
Write your comment

Your Comment