कोलकाता पुस्तक मेले में 29 लाख दर्शक, 27 करोड़ रुपये की बिकीं किताबें
कौन कहता है पुस्तक और छापा का जमाना लद गया...?
दक्षिण कोसल टीम31 जनवरी को 29 लाख आगंतुकों के साथ अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले में रिकॉर्ड तोड़ उपस्थिति का समापन हुआ। आयोजकों के अनुसार मेले ने अपने इतिहास में अब तक का उच्चतम स्तर हासिल किया। 27 करोड़ रुपये की किताबों की बिक्री दर्ज की गई, जो पिछले साल के आंकड़े को पार कर गई।

पब्लिशर्स एंड बुक सेलर्स गिल्ड के महासचिव सुधांशु डे ने उल्लेख किया कि पिछले वर्ष के तुलना में 25 लाख से बढक़र इस वर्ष 29 लाख की पुस्तकों की बिक्री हुई। ईस्ट कोस्ट डेली के अनुसार 18 से 31 जनवरी तक आयोजित पुस्तक मेले में उपस्थिति और बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। आयोजक इन आंकड़ों को प्रारंभिक मान रहे हैं, संशोधित अनुमान इससे भी अधिक होने की उम्मीद है।
पढऩे की आदतों को प्रोत्साहित करने की एक पहल के रूप में गिल्ड ने एक पाठक, देबब्रत चटर्जी को सम्मानित किया, जिन्होंने 3,15,000 रुपये की किताबें खरीदीं। गिल्ड के अधिकारियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोलकाता पुस्तक मेला उन पाठकों को आकर्षित कर रहा है जो मुद्रित पुस्तकें पसंद करते हैं और अपने पसंदीदा शीर्षक के रूप में पुस्तकें खरीदने के भौतिक अनुभव का आनंद लेते हैं।
पुस्तक मेले के 47वें संस्करण में साहित्यिक कृतियों और क्लासिक्स को प्रदर्शित किया गया, जो इसे अन्य मेलों से अलग करता है जो अक्सर संदर्भ पुस्तकों और ग्रंथों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
गिल्ड के अध्यक्ष त्रिदीब चटर्जी ने मेले के डिजिटलीकरण को बढ़ाने के लिए 48वें संस्करण में नई पहल की योजना व्यक्त की। उन्होंने आसान ऑनलाइन पहुंच के लिए मानचित्र और क्यूआर कोड पेश किए और वरिष्ठ नागरिकों को एक दिन समर्पित किया।
पिछले वर्ष की तुलना में दर्शकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। जनवरी 2025 में 48वें अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले की तारीखों की तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों के कार्यक्रम और वैश्विक स्तर पर अन्य पुस्तक मेलों सहित विभिन्न कारकों पर विचार करते हुए इसकी घोषणा बाद में की जाएगी।
Add Comment