दक्षिण कोसल को क्यों आर्थिक व अन्य सहयोग करें?
'दक्षिण कोसल' मीडिया हाउस को आवास, ऑफिस, लाइब्रेरी, स्टाफ जैसी कार्यों के लिए मुक्त हाथ से आर्थिक सहयोग की जरूरत
सुशान्त कुमारपिछले कई दशकों से ‘दक्षिण कोसल’ सभी धर्मों की रक्षा सहित दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यक और सामान्य समाज के लिए पत्रकारिता करते आ रही है। इस अभियान को जीवित रखने के लिए सभी समाज ने मुक्त हाथों से आर्थिक व अन्य सहयोग किया है और कर रहे हैं। सहयोग इसलिए भी कि ‘दक्षिण कोसल’ मुनाफा से मुक्त है। सहयोग इसलिए भी कि यह सरकार, कॉरपोरेट और राजनैतिक पार्टियों की चाटुकारिता नहीं करती है।

सहयोग इसलिए भी कि चुनाव के वक्त यह राजनैतिक पार्टियों के पीछे पीछे कुछ भीख पा लेने के लिए नहीं दौड़ती, सहयोग इसलिए भी कि इसे सट्टाबाजों, पाटेकोहरा बैरियर, दारू, रेत, मुरूम गिट्टी जैसी गौण खनिज उत्खनन से पैसे नहीं मिलते, सहयोग इसलिए कि हम लोगों को ब्लैकमेलिंग नहीं करते, सहयोग इसलिए मांग रहे हैं कि हम आवाज और सवाल सच, दृढ़ और जनपक्षीय तथा स्वतंत्र ढंग से उठा सके।
सहयोग इसलिए कि यह महान मीडिया का सपना देखता है। पिछले कई सालों से हम किराया, आवास, ऑफिस, स्टॉफ, लाइब्रेरी, वाहनों की कमी से जूझ रहें हैं। कई प्रयास भी हुए। राजनांदगांव में ही इसे अधिवक्ता नरेंद्र बंसोड़ और कॉलोनाईजर अर्जुन सिंह ठाकुर के निवास में रह कर संचालित किया गया। राजनांदगांव की प्रसिद्ध ‘बौद्ध कल्याण समिति’ ने इसे देवजी रामटेके के कार्यकाल में तथा पीयूसीएल द्वारा पुरस्कृत किया गया और शैलेंद्र मेश्राम के कार्यकाल में इसे सांस्कृतिक भवन और बौद्ध विहार में संचालित करने का प्रस्ताव भी दिया गया।
लेकिन स्वतंत्र मीडिया के नीति के चलते हम आजपर्यंत इसे किराए के घर से ‘वर्क फ्रॉम होम’ संचालित कर रहे हैं। दिन के गुजरने के साथ सहयोग के अभाव में दिन प्रतिदन यह कार्य कठिन होता जा रहा है। ‘दक्षिण कोसल’ का अपना स्वतंत्र वजूद है। उसकी तेवर से आप सभी अवगत हैं। बस्तर से लेकर सरगुजा, तथा झारखंड से लेकर दिल्ली के किसान आंदोलन तक हमने अपनी ड्यूटी निभाई है। डर, खौफ, आतंकी, नक्सली, पुलिस, जनसुरक्षा कानून की तलवार की नोक पर काम किया है।
और कई साल राणा अय्यूब की तरह अंडर कवर पत्रकारिता भी की है। अब समय के साथ इसका विस्तार आवश्यक है। इसे स्टाफ, ऑफिस, लाइब्रेरी वाहनों की जरूरत है। हमने देखा है कि बहुजन समाज के साथ सामान्य समाज ने भी इस मीडिया हाऊस को हाथों हाथ लेकर सहयोग किया है कई तो हमें हर माह का सहयोग स्कॉलरशिप की तरह दे रहें हैं, जैसे हम कोई रिसर्च कर रहे हों, उनके बिना यह एक पल भी जी नहीं सकता।
इसके बरक्स हमने यह भी देखा है कि समाज में विषेषकर आरक्षित समाज में धन दौलत में इजाफा हुआ हैं और वे हमें सहयोग करने में हिचकिचा रहें हैं, विशेषकर ‘कोरोना महामारी’ के पहले से ‘दक्षिण कोसल’ के वेब वर्जन के बाद प्रिंट वर्जन के अभाव में पर्याप्त सहयोग की कमी के कारण बदहाली में दिन कट रहें हैं।
बिना मीडिया के समाज का उत्थान ना के बराबर है। दलित समाज बुद्ध, आम्बेडकर, फुले जयंती, घासीदास जयंती, रविदास जयंती, दीक्षा समारोह, मूर्ति - द्वार, संविधान पट्टिका, विहार स्थापना, यहां तक कि आम्बेडकर जयंती में अतिथि आसन के लिए 50 - 50 हजार रुपए दे रहे हैं। सामान्य समाज अधिकांश पैसे पूजा पाठ और त्योहारों में दान व खर्च में दे रहे हैं।
चुनाव और बौद्ध सम्मेलनों में लाखों में दान पारमिता ताकत का उपयोग होते हुए देखा जा रहा है। इसके पीछे समृद्धशाली वर्ग का अपना एजेंडा और महत्वाकांक्षा हो सकता है। आरक्षित समाज अब आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं। लेकिन सामान्य वर्ग के समकक्ष अब भी दोयम दर्जे के हैं।
हमारे पास पुख्ता सुबूत है कि दलित समाज से कुछ लोग ऑन रिकॉर्ड धर्म के नाम पर 2 लाख से लेकर 50 हजार रुपए तक की दान धर्म कार्य को पथभ्रष्ट करने के लिए लक्जरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जुटा रहे हैं। कमोवेश सभी धर्मों में मठ और मठाधीशों की चांदी है।
इस बीच हमारी नजर जिस तरह समाज में व्याप्त शोषण और उत्पीडऩ में है उसी तरह हमारे समाज के समृद्धशाली लोगों पर भी टिकी हुई है। आप सभी को मनन करने की जरूरत है कि हमारी मीडिया क्यों कर हो?
दक्षिण कोसल की आचार संहिता है-
1. दक्षिण कोसल विश्व स्तर पर उन्मुख मीडिया सेवा होने के दौर में ईमानदारी, साहस, निष्पक्षता, संतुलन, स्वतंत्रता, विश्वसनीयता और विविधता पर आधारित पत्रकारिता मूल्यों का पालन कर रहा है। पेशेवर विचार प्रस्तुत करने में वाणिज्यिक या राजनीतिक किसी को भी प्राथमिकता नहीं देता है।
2. दक्षिण कोसल सत्य तक पहुंचने का प्रयास करता है और इसे हमारे संचार माध्यम में स्पष्ट रूप से इस तरह घोषित करते हैं कि इसकी वैधता और सटीकता के बारे में कोई संदेह न रह जाए।
3. दक्षिण कोसल पाठकों के साथ उचित सम्मान के साथ व्यवहार करता है और अपराध, युद्ध, उत्पीडऩ और आपदा से जुड़े पीडि़तों और हमारे पाठकों सहयोगियों की भावनाओं पर पूरा ध्यान देते हुए एक स्पष्ट, तथ्यात्मक और सटीक तस्वीर पेश करने के लिए हर मुद्दे या कहानी पर उचित ध्यान देता है। और व्यक्तिगत गोपनीयता और सार्वजनिक मर्यादा को बनाए रखता है।
4. दक्षिण कोसल प्रदर्शन के मानकों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना निष्पक्ष और ईमानदार मीडिया प्रतिस्पर्धा में खड़े उतरने में लगातार प्रयासरत है।
5. दक्षिण कोसल पूर्वाग्रह और पक्षपात के बिना विविध दृष्टिकोण और राय प्रस्तुत करता है। इस वजह से शायद दोस्तों द्वारा सेंसर को भी रोकता है।
6. दक्षिण कोसल मानव समाज में उनकी सभी नस्लों, संस्कृतियों और विश्वासों और उनके मूल्यों और आंतरिक व्यक्तित्व के साथ विविधता को पहचानकर निष्पक्ष और ईमानदार प्रतिबिंब प्रस्तुत करता है।
7. दक्षिण कोसल गलती होने पर उसे स्वीकार कर, तुरंत उसे सुधारकर यह सुनिश्चित करता है कि गलतियों की पुनरावृत्ति न हो।
8. दक्षिण कोसल स्रोतों के अधिकारों के संबंध में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित मानकों का पालन करते हुए समाचार और इसके स्रोतों से निपटने में पारदर्शिता को कायम रखता है।
9. दक्षिण कोसल अटकलों और दुष्प्रचार के जाल से बचने के लिए समाचार सामग्री, राय और विश्लेषण के बीच अंतर स्थापित करता है।
10. दक्षिण कोसल पेशेगत सहकर्मियों के साथ संकट में खड़े रह कर और आवश्यकता पडऩे पर उन्हें समर्थन देकर विशेष रूप से आक्रामकता और उत्पीडऩ के कृत्यों के आलोक में जो पत्रकारों को कभी-कभी झेलना पड़ता है अपनी स्वतंत्र राय कायम करता है। प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए भारत और अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संघों और संघों के साथ सहयोग करने में प्रयासरत रहता है।
इस पर तर्क मत कीजिएगा फिजूल है?
आप क्यों भूल रखें हैं नहीं मालूम लेकिन आपकी जिम्मेदारी है कि मीडिया भी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, दार्शिनिक पहलुओं का एक हिस्सा है, समाज के ताना बाना को बचा कर रखना चाहते हैं तो सभी धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, दर्शानिक कामों के साथ मीडिया को भी जीवित रखना होगा। जो मीडिया भाट चारण में लगे हैं उन्हें आपकी सहयोग की जरूरत नहीं। वह आपके जेब से पैसा छिन ले जाते हैं, यह किसी से छुपी हुई नहीं है।
हम आश्वस्त हैं कि आप हमें पर्याप्त सहयोग/दान करते रहेंगे। अगर आपके पास आपके आय से ज्यादा धन है तो ‘दक्षिण कोसल’ जैसे मीडिया हाउस को आर्थिक वह अन्य मदद करें, यह आपके सहयोग से ही संचालित हैं, हम भी देखना चाहते हैं कि पिछले चुनाव से लेकर सभी धार्मिक कामों में आपने जो लाखों का चंदा दिया है उसी तरह कुछ सहयोग, मदद, चंदा - ‘दान पारमिता’ जैसे पुण्य शब्द को चरितार्थ करते हुए ‘दक्षिण कोसल’ मीडिया हाउस को आवास, कार्यालय, स्टाफ और उसके लाइब्रेरी को करेंगे।
इन्हीं आप सबको समर्पित महान शब्दों के साथ।
आप अपना सहयोग इस बैंक एकाउंट तथा क्यूआर कोड में करें। तथा सहयोग के बाद मोबाइन नम्बर में इसकी सूचना दें।
Sushant Kumar Shah,
Canara Bank A/c. No.110061048530.
IFSC Code CNRB0017865,
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