छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव की घोषणा
पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू
सुशान्त कुमार10 नवंबर 2022 को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की पूर्व घोषणा यानि भारत का चुनाव आयोग पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए तैयार है की समझ देने के बाद मणिपुर की जघण्य घटना, पत्रकारों पर यूएपीए और दुनिया में इजरायल और हमास के मध्य युद्ध के बीच अपने पूर्व घोषणा के विपरित भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव की महत्वपूर्ण घोषणा कर दी है और इस तरह पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है।

इस घोषणा के तहत 9 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि मिजोरम में विधान सभा चुनाव 7 नवंबर को होगा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 7 नवंबर और 17 नवंबर को दो चरणों में होगा। मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव के लिए मतदान 17 नवंबर को होगा। राजस्थान में विधान सभा चुनाव के लिए मतदान 23 नवंबर को होगा। तेलंगाना में विधान सभा चुनाव के लिए मतदान 30 नवंबर को होगा। सभी राज्यों में मतगणना 3 दिसंबर को होगी।
मिजोरम विधान सभा का कार्यकाल इस साल 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। वहां मिजो नैशनल फ्रंट सत्ता में है। तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल जनवरी में अलग - अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है। तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति का शासन है, जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकारें हैं।
भाजपा के लिए यह छत्तीसगढ़ में कितना आसान
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके धाकड़ नेताओं के लिये बाजी पलटाने के दिन लौट आई है। इस बार छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल के बीच उम्मीद्वारों को ठोक पीट कर चुनाव में उतारने की कवायद शुरू हो चुकी है। भाजपा और आम आदमी पार्टी ने पहले ही एक लिस्ट जारी कर दी है जबकि कांग्रेस अपनी संभावितों की नामों की लिस्ट वायरल करवा रही है।
भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जैसे राजनीतिक दल चुनावी मैदान में सत्ता में आने लोगों को लुभाने लगे हैं। सवाल यह है कि क्या भाजपा 2003 के विधान सभा के इतिहास के अनुसार भाजपा सत्ता में लौट सकेगी और यह भी कि कांग्रेस को जोगी और बसपा कितना सहयोग कर पाते हैं। मीडिया अपनी तैयारी कई महीनों पहले ही शुरू कर चुकी है।
90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए सामान्य निर्वाचन के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। राज्य में कुल 51 विधानसभा सीट अनारक्षित है 29 सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग हेतु एवं 10 सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है।
छत्तीसगढ़ में निर्वाचन संपन्न कराये जाने हेतु 90 रिटर्निंग अधिकारी एवं 208 सहायक रिटर्निंग अधिकारी अधिसूचित किये जा चुके हैं। उन्हें प्रशिक्षित भी किया जा चुका है । निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही सम्पूर्ण प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है।
निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा
घोषणा के अनुसार प्रदेश में विधानसभा निर्वाचन दो चरणों में निम्नांकित कार्यक्रम के अनुसार संपन्न कराए जाएंगे। निर्वाचन कार्य के तहत प्रथम चरण में अधिसूचना का प्रकाशन 13 अक्टूबर 2023 (शुक्रवार) नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर 2023 (शुक्रवार), नामांकन पत्रों की संवीक्षा 21 अक्टूबर 2023 (शनिवार), नाम वापसी की तिथि 23 अक्टूबर 2023 (सोमवार), मतदान की तिथि 7 नवम्बर 2023 (मंगलवार), मतगणना की तिथि 3 दिसम्बर 2023 (रविवार), इसके अलावा वह तिथि जिसके पूर्व निर्वाचन संपन्न होगा 5 दिसम्बर 2023 (मंगलवार) को रखा गया है।
द्वितीय चरण के लिए अधिसूचना का प्रकाशन 21 अक्टूबर 2023 (शनिवार), नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2023 (सोमवार), नामांकन पत्रों की संवीक्षा 31 अक्टूबर 2023 (मंगलवार), नाम वापसी की तिथि 2 नवम्बर 2023 (गुरूवार), मतदान की तिथि 17 नवम्बर 2023 (मंगलवार), मतगणना की तिथि 3 दिसम्बर 2023 रविवार, इसके अलावा वह तिथि जिसके पूर्व निर्वाचन संपन्न होगा 5 दिसम्बर 2023 (मंगलवार) को रखा गया है।
कैसे सम्पन्न होगा मतदान
प्रथम चरण में कुल 20 विधानसभा क्षेत्रों (विधान सभा क्षेत्र क्र. 71 से 90) के 5.303 मतदान केन्द्रों में मतदान संपन्न होगा। द्वितीय चरण में कुल 70 विधानसभा क्षेत्रों (विधान सभा क्षेत्र क्र. 01 से 70) के 18,806 मतदान केन्द्रों में मतदान संपन्न होगा।
आयोग के निर्देशानुसार मतदान केन्द्रों में मतदाता को एपिक कार्ड के साथ आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटोग्राफ युक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय द्वारा स्वास्थ्य बीमा स्कीम के तहत जारी स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लायसेंस, पैन कार्ड, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया (आरजीआई) द्वारा नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के अंतर्गत जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोग्राफ युक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/पीएसयू/पब्लिक लिमिटेड कंपनी के एम्पालयर्स को जारी किया गया फोटोग्राफ युक्तसर्विस आइडेंटी कार्ड, एमपी/एमएलए/एमएलसी को जारी किया गया ऑफिसियल आइडेंटी कार्ड एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी यूनिक डिसाबिलिटी आईडी (पहचान पत्र) प्रस्तुत किया जाना होगा।
2018 में कुल मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 85 लाख 88 हजार 520 थी
4 अक्टूबर को निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन की स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 3 लाख 60 हजार 2 सौ चालीस है जिनमें से 1 करोड़ 1 लाख 20 हजार 8 सौ तीस पुरुष मतदाता एवं 1 करोड़ 2 लाख 39 हजार 4 सौ दस महिला मतदाता पंजीकृत हैं। प्रदेश में सेवा मतदाताओं की संख्या 19 हजार 839 है। इस प्रकार सेवा निर्वाचकों को मिलाकर प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 3 लाख 80 हजार 79 है। राज्य का इलेक्ट्रो पॉपलेशन रेसियो 67.02 प्रतिशत एवं जेंडर रेसिया- 1012 है। विधानसभा निर्वाचन - 2018 के दौरान राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 85 लाख 88 हजार 520 थी।
इस प्रकार मतदाताओं की संख्या में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चिन्हांकित दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) मतदाताओं की संख्या 1 लाख 60 हजार 955 है। प्रदेश में तृतीय लिंग के कुल 790 मतदाता पंजीकृत हैं। प्रदेश में कुल 17 प्रवासी भारतीय मतदाता पंजीकृत है। कुल मतदाताओं में 18'9 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 7 लाख 23 हजार 771 है। 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 1 लाख 86 हजार 215 है। राज्य में 100 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले मतदाताओं की संख्या 2,462 है।
कितने होंगे मतदान केंद्र
छत्तीसगढ़ राज्य के 90 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 24109 मतदान केन्द्र हैं। कुल 20920 मतदान केन्द्र लोकेशन हैं, जिनमें से 3227 शहरी क्षेत्र में तथा 17693 ग्रामीण क्षेत्र में स्थित हैं।
राज्य के सभी मतदान केन्द्रों में सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं जैसे रैंप, पेयजल, विद्युत् प्रकाश, शौचालय इत्यादि की व्यवस्था कर ली गई है। आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक मतदान केंद्र में मतदाता सहायता केंद का निर्माण किया जावेगा।
राज्य में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 10 संगवारी मतदान केन्द्र होंगे जो महिला मतदान दल द्वारा संचालित होंगे, आदर्श मतदान केन्द्र भी बनाये जाएंगे। इसी प्रकार प्रत्येक विधानसभा में दिव्यांग संचालित मतदान केंद्र एवं 1 युवा संचालित मतदान केंद्र बनाये जाएंगे। इस प्रकार राज्य भर में इस बार कुल 900 संगवारी मतदान केंद्र, 450 आदर्श मतदान केन्द्र, 90 दिव्यांगजनों द्वारा संचालित केंद्र एवं 90 यूथ के द्वारा संचालित मतदान केंद्र बनाये जाएंगे। सभी मतदान केन्द्रों में बुजुर्ग जनों एवं दिव्यांग मतदाताओं की सहायता हेतु ‘मतदाता मित्र’ आवश्यक सहयोग हेतु होंगे।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देश अनुसार एक मतदान केंद्र में अधिकतम मतदाताओं की संख्या को 1500 तक रखा गया है। विधानसभा आम निर्वाचन - 2018 के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में मतदान केन्द्रों की संख्या 23677 थी। जिसमें 45 सहायक मतदान केंद्र सम्मिलित थे। इस बार भी आवश्यकतानुसार 1500 से अधिक मतदाता संख्या वाले मतदान केन्द्रों में सहायक मतदान केंद्र बनाये जाएंगे। आयोग के निर्देशानुसार इस बार राज्य के 50 प्रतिशत मतदान केन्द्रों में मतदान दिवस को लाइव वेबकास्टिंग भी कराई जावेगी।
80 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वाले दे सकेेंगे डाक से मतपत्र
अब भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश अनुसार 80 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वाले वृद्धजन, 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता रखने वाले दिव्यांगजन एवं कोविड 19 के संदिग्ध अथवा संक्रमित मतदाता भी निर्धारित प्ररूप 12घ के माध्यम से निर्वाचन की अधिसूचना दिनांक के 5 दिवस के अन्दर सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। जिससे वह डाक मतपत्र के माध्यम से घर पर ही वोटिंग कर सकेंगे।
ऐसे समस्त पात्र आवेदक मतदाताओं हेतु विशेष मतदान दल का गठन किया जावेगा। ये मतदान दल पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था एवं आवश्यक मतदान सामग्री के साथ निर्धारित तिथि को ऐसे मतदाताओं के घर जाकर पूर्ण गोपनीयता के साथ उनका मत प्राप्त करेंगे। मतदान दल के रूट चार्ट एवं उनके दौरे की सूचना सभी अभ्यर्थियों को प्रदान की जावेगी।
उपरोक्त श्रेणी के अतिरिक्त सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट भेजा जावेगा जिसपर वे अपना मत रिकॉर्ड कर इसे डाक के माध्यम से प्रेषित करेंगे। निर्वाचन ड्यूटी में तैनात मतदाताओं को भी डाक मतपत्र के माध्यम से रिटर्निंग अधिकारी द्वारा विहित सुविधा केंद्र में मतदान की पात्रता रहेगी इस हेतु उन्हें नियत समयावधि में निर्धारित प्ररूप 12 में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
निर्वाचन कार्मिकों, जो अपनी ही विधानसभा में कार्यरत है, को निर्वाचन कर्तव्य प्रमाण पत्र (इडीसी) जारी किया जावेगा, जिसे वे अपने विधानसभा के किसी भी मतदान केंद्र में प्रस्तुत कर मतदान कर सकेंगे।
नाम - निर्देशन की क्या रहेगी व्यवस्था
सभी नाम निर्देशन पत्र जिला स्तर पर ही लिये जायेंगे। नाम निर्देशन के लिये अभ्यर्थी के मात्र तीन वाहन ही नामांकन केन्द्र के 100 मीटर की परिधि में प्रवेश कर सकेंगे। नाम निर्देशन के लिये जमानत की राशि अनारक्षित वर्ग के लिये रूपये 10,000/- (दस हजार) एवं आरक्षित (अ.जा. एवं अ.ज.जा.) वर्ग के लिये रूपये 5,000/- (पांच हजार) होगी। नामनिर्देशन के लिये अभ्यर्थी सहित कुल पांच व्यक्ति ही नामांकन कक्ष में प्रवेश कर सकेंगे।
ऑनलाईन नाम निर्देशन एवं शपथ पत्र की वैकल्पिक सुविधा आयोग द्वारा उपलब्ध करायी गयी है। जिसमें नामांकन पत्र एवं शपथ पत्र की प्रविष्टियां करके उनका मुद्रण कर अभ्यर्थी को नाम निर्देशन रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष व्यक्तिश: प्रस्तुत किये जायेंगे। एक अभ्यर्थी अधिकतम 4 सेट नाम निर्देशन प्रस्तुत कर सकता है। नाम निर्देशन पत्र के साथ अभ्यर्थी को अपना नवीनतम फोटो भी देना होगा।
मतदाताओं में प्रचार - प्रसार
राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को मतदान हेतु जागरूक करने के लिए स्वीप अभियान के माध्यम से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं । इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया से भी मतदाताओं को जागरूक करने में आवश्यक सहयोग की अपेक्षा है। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या 40 होगी, जबकि गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के लिए यह संख्या 20 होगी। राजनीतिक दलों को स्टार प्रचारकों की सूची निर्वाचन की अधिसूचना प्रकाशन के सात दिवस के भीतर देनी होगी।
किसे कहते हैं आदर्श आचरण संहिता
निर्वाचन की घोषणा के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गयी है और निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होते तक यह प्रभावशील रहेगी। निर्वाचन हेतु पर्याप्त सुरक्षा बल की व्यवस्था की जा रही है। आचार संहिता के प्रभावी क्रियांवयन के लिये निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।
संपत्ति का विरूपण पर प्रभावी कार्यवाही में शासकीय संपत्ति का विरूपण अर्थात इस उद्देश्य के लिए सभी सरकारी कार्यालय और उन परिसरों के जिसमें कार्यालय भवन स्थित है, के सभी दीवार लेखन, पोस्टर/स्टीकर्स, कटआउट/ होर्डिंग्स, बैनर, झंडे या किसी अन्य रूप में विरूपण आदि को चुनाव की घोषणा 24 घंटे के अंदर हटाया जायेगा।
सार्वजनिक संपत्ति का विरूपण और सार्वजनिक स्थान का दुरुपयोग को रोकने सभी सार्वजनिक स्थलों, जिनमें रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, हवाई अड्डे, रेलवे पुल, सडक़ मार्ग, सरकारी बसें, बिजली/टेलीफोन के खंभे, नगरपालिका/स्थानीय निकायों के भवन आदि सम्मिलित हैं, से अनधिकृत राजनैतिक विज्ञापन, दीवार लेखन/पोस्टर/स्टीकर्स, कटआउट /होर्डिंग्स, बैनर झंडे आदि आयोग के द्वारा चुनाव की घोषणा के 48 घंटे के भीतर हटाया जायेगा।
निजी संपत्ति का विरूपण में निजी संपत्तियों पर स्थानीय विधि और अदालत के निर्देशों के अधीन रहते हुये प्रदर्शित किए गए सभी अनधिकृत राजनैतिक विज्ञापन को आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के 72 घंटे के भीतर हटाया जायेगा।
आधिकारिक (शासकीय) वाहनों का उपयोग मामले में किसी भी राजनैतिक दल, उम्मीदवार या किसी अन्य द्वारा आधिकारिक (शासकीय) वाहन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
सरकारी खर्चे पर विज्ञापन मामले में आयोग के निर्देशों के अनुसार चुनाव के दौरान सरकारी खर्चे पर समाचार पत्रों/अन्य किसी मीडिया एवं आधिकारिक मीडिया का दुरुपयोग राजनैतिक समाचारों के पक्षपातपूर्ण प्रकाशन/प्रसारण या सरकार के उपलब्धियों के प्रचार के लिये नहीं किया जायेगा।
चुनाव प्रचार के लिए वाहनों की अनुमति के संबंध में चुनाव प्रचार हेतु उपयोग किये जाने वाले प्रत्येक वाहन का वाहन परमिट जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा जारी किया जावेगा। बिना परमिट (जो कि वाहन में चस्पा करना अनिवार्य होगा) के वाहनों को तत्काल जब्त किया जावेगा।
मौन अवधि को छोडक़र अभ्यर्थियों के लिये वाहनों की संख्या के लिए कोई सीमा नहीं है। प्रचार के लिए किसी भी सरकारी वाहन का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
आम सभा
सभा के लिए सार्वजनिक स्थलों की पहचान पहले से जिला प्रशासन द्वारा किया जा चुका है। यदि सभा स्थल कोई शैक्षणिक संस्था है तो सभा के पूर्व संस्था प्रबंधन से अनापत्ति प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा।
सभा का आयोजन रात के 10 बजे पश्चात् प्रतिबंधित होगा। आयोजित की जाने वाली प्रत्येक सभा के लिए अनुमति आवश्यक होंगे। मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित समय से 48 घंटों के पूर्व की अवधि के दौरान कोई भी सभा आयोजित नहीं की जा सकती है।
रैली की अनुमति
रैली का मार्ग पूर्व से तय होगा और इसका उल्लेख आवेदन में किया जाएगा। रैली के प्रारंभ और अंत का समय एवं स्थान पूर्व से निश्चित होगा। रैली के मार्ग में किसी भी स्थिति में परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए। यदि रैली कि लंबाई अत्यधिक है तो इसे कुछ अंतराल के बाद तोड़ा जाना चाहिए।
रोड शो की अनुमति
रोड शो की पूर्व अनुमति आवश्यक होगी। 10 से अधिक वाहनों कि दशा में 10 वाहनों के बाद 100 मीटर का अंतराल होगा। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अधीन ही लाउड स्पीकर के उपयोग की अनुमति होगी।
बच्चों और स्कूल यूनिफॉर्म में शालेय छात्र छात्राओं को रोड शो में शामिल नहीं किया जाएगा। लाउड स्पीकर की अनुमति के तहत कोलाहल नियंत्रण अधिनियम और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप क्षेत्र अनुसार अनुमेय डेसीबल के अंतर्गत ही लाउड स्पीकर की अनुमति दी जाएगी। लाउड स्पीकर कि अनुमति रात्री 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक प्रतिबंधित रहेगी। मौन अवधि में लाउड स्पीकर का उपयोग वर्जित रहेगा।
अस्थायी प्रचार कार्यालयों कि अनुमति नहीं दी जायेगी
किसी भी अतिक्रमित भूमि या भवन पर अस्थायी प्रचार कार्यालयों की अनुमति, शैक्षणिक संस्थान या अस्पताल से लगे हुए भवनों में अस्थायी प्रचार कार्यालय अनुमति नहीं दी जाएगी तथा किसी भी मतदान केंद्र के 200 मीटर की परिधि में कार्यालय के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कार्यालय किसी धार्मिक भवनों में नहीं संचालित किए जा सकते हैं। सभी प्रकार के आवेदनों को सुविधा एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन भी लिया जावेगा एवं ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के सिद्धांत पर अनुमति दी जावेगी।
निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण
निर्वाचन हेतु अभ्यर्थी को एक पृथक बैंक अकाउंट नामांकन दाखिल करने के कम से कम 1 दिन पूर्व खोलना होगा एवं नामांकन पत्र दाखिल करते समय अभ्यर्थी को इस पृथक बैंक अकाउंट का उल्लेख करना होगा। नामनिर्देशन की तारीख से लेकर परिणाम की घोषणा तक दोनों तिथियों को सम्मिलित करते हुए समस्त व्यय उक्त बैंकिंग अकाउंट से स्वयं या उसके निर्वाचन एजेंट द्वारा किया जाएगा। निर्वाचन के दौरान अभ्यर्थी द्वारा किए जाने वाले निर्वाचन व्यय की सीमा रुपये 40 लाख होगी। नामांकन पत्र दाखिल करते समय अभ्यर्थी को अपने समस्त चल अचल संपत्ति के बारे में शपथ पत्र में जानकारी देनी होगी।
अभ्यार्थियों से यह अपेक्षा की गई है कि वह प्रचार अवधि के दौरान कम से कम 3 बार निजी रूप से या अपने निर्वाचन एजेंट के माध्यम से या अपने द्वारा विधिवत रूप से प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा व्यय प्रेक्षक/निरीक्षण के लिए पदाभिहित अधिकारी के सम्मुख रजिस्टर पेश करेंगे। परिणाम घोषणा के 30 दिवस के भीतर अभ्यर्थी को अपने लेखे का विवरण जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। निर्धारित समय में व्यय लेखा जमा नही करने पर निर्वाचन आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 10 (क) के तहत अभ्यर्थी को 3 साल के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। यदि अभ्यर्थी का कोई आपराधिक पूर्ववृत्त है तो अभ्यर्थी को निर्धारित प्ररूप में नाम वापसी के पश्चात मतदान दिवस के दो दिन पूर्व तक तीन बार समाचार पत्र एवं टेलीविजन में अपने अपराधिक मामले के विषय में प्रकाशन/प्रसारण करना होगा।
यदि अभ्यर्थी किसी पंजीकृत राजनीतिक दल द्वारा खड़ा किया गया है, तो उसे अपने आपराधिक पूर्ववृत्त की सूचना अपने दल को भी देनी होगी और ऐसे राजनीतिक दल को अभ्यर्थी के आपराधिक पूर्ववृत्त का प्रकाशन और प्रसारण एक स्थानीय समाचार पत्र एवं एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशन एवं टेलीविजन पर प्रसारण करना अपेक्षित है, साथ ही ऐसे आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्यर्थी की समस्त जानकारी अपने वेबसाइट तथा सोशल मीडिया यथा फेसबुक, ट्विटर आदि पर भी प्रकाशित करनी होगी।
उन्हें यह भी बताना होगा कि बिना आपराधिक चरित्र वाले अभ्यर्थी के स्थान पर आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्यर्थी के चयन का कारण क्या है। नाम वापसी के अंतिम दिन से चौथे दिन में पहला प्रकाशन नाम वापसी के अंतिम दिन के 5 से 8 दिन में दूसरा प्रकाशन एवं नाम वापसी के अंतिम दिन के 9वें दिन से प्रचार प्रसार के अंतिम दिन तक तीसरा प्रकाशन करवाना होगा। उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन न करना माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आएगा।
मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी)
राज्य एवं जिला स्तर पर मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणन करेगी। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सभी माध्यम जैसे टीवी चैनल, केबल टीवी चैनल रेडियो (निजी एफएम रेडियो सहित) ई-समाचार पत्र बल्क एस.एम.एस./वॉइस मैसेज सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य माध्यम, सोशल मीडिया वेब पेज पर राजनीतिक विज्ञापन प्रसारण से पूर्व उपरोक्त कमेटी से क्रमश: राजनीतिक दल एवं अभ्यर्थी अनुमति लेंगे। मीडिया मॉनिटरिंग सेल द्वारा भ्रामक समाचार/फेक न्यूज की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। पेड न्यूज के इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में प्रसारण पर भी एमसीएमसी कमेटी द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
निर्वाचन संबंधी किसी विज्ञापन, पोस्टर, पर्चे या किसी अन्य अभिलेख पर उसके प्रकाशक एवं प्रिंटर का नाम, पता एवं मुद्रित संख्या छपा होना आवश्यक है।
ईव्हीएम तथा वीवीपैट
विधानसभा सामान्य निर्वाचन - 2023 में श्वइलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एवं वीवीपैट का उपयोग किया जाएगा। सभी मशीने इसीआईएल के द्वारा विभिन्न चरणों में परीक्षण उपरान्त उच्च सुरक्षा मानकों के अधीन तैयार की गई हैं।
विधानसभा सामान्य निर्वाचन - 2023 में छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत समस्त जिलों में मतदान हेतु प्रयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर्याप्त संख्या में (बीयू 55071, सीयू 35424,और वीवीपैट - 41613) उपलब्ध है। इस प्रकार मशीनों की कुल संख्या 1 लाख 32 हजार 108 हैं।
आयोग के निर्देशों के अनुसार निर्धारित संख्या में ईव्हीएम तथा व्हीव्हीपेट की एफएलसी (प्रथम स्तरीय जांच) का कार्य किया जा चुका है। निर्वाचन लडऩे वाले अभ्यर्थियों की घोषणा होने के तत्काल बाद कमिश्ंिनग के दौरान सभी कन्ट्रोल यूनिट पर निर्वाचन लडऩे वाले अभ्यर्थियों की संख्या सेट (केंडीडेट सेट) की जाएगी, बैलेट यूनिट्स पर मतपत्र लगाए जाएंगे एवं वीवीपैट्स पर सिम्बाल लोडिंग यूनिट्स (एसएलयू) के माध्यम से निर्वाचन लडऩे वाले अभ्यर्थियों को आबंटित प्रतीक चिन्ह अपलोड किया जाएगा। इस कार्य के समय उपस्थित रहने हेतु मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों एवं निर्वाचन लडऩे वाले अभ्यर्थियों से अनुरोध किया गया है।
मतदान हेतु मतदान मशीन तैयार करते समय भी रैंडम रूप से चयनित मतदान मशीनों पर अभ्यर्थियों की उपस्थिति में मॉक पोल कराया जाएग? जिसमें कंट्रोल यूनिट में दर्ज मतपत्रों की संख्या का मिलान वीवीपैट में पाए गए पेपर स्लिप से किया जाएगा। सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से यह अपेक्षित है कि इस कमिश्ंिनग प्रक्रिया में वे भाग लेकर इसके प्रचालन प्रणाली से अवगत होवें। साथ ही ईवीएम की निष्पक्ष कार्यप्रणाली के प्रति भी संतुष्ट हो सके।
आईटी एप्लीकेशन सि- विजिल
आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में नागरिकों के सहभागिता बढ़ाने एवं शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए आयोग द्वारा निर्मित सि- विजिल एप्लीकेशन को और भी सशक्त बनाया गया है। अब आम नागरिक आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की शिकायत लाइव फोटोग्राफ एवं वीडियो के साथ-साथ ऑडियो क्लिप के माध्यम से भी कर सकेंगे। यदि कोई नागरिक राज्य में आचार संहिता उल्लंघन की कोई घटना देखता है तो सी - विजिल एप्लीकेशन का उपयोग करते हुए घटनास्थल की एक फोटो या 2 मिनट की वीडियो या ऑडियो क्लिपिंग बनाकर एप्लीकेशन के माध्यम से शिकायत कर सकता है। शिकायत गुप्त रूप से भी की जा सकती है या एप में पंजीकृत होकर भी की जा सकती है।
पंजीकृत उपयोगकर्ता के रूप में शिकायत करने पर उपयोगकर्ता को शिकायत निराकरण के पश्चात उसकी सूचना भी दी जाएगी। यह एप्लीकेशन आम नागरिकों के लिए एनड्रायड और आईओएस दोनों पर उपलब्ध है। सामान्य मामलों में शिकायतों पर कार्यवाही 100 मिनट के भीतर पूरी कर शिकायतकर्ता को इसकी सूचना दी जाएगी।
मतदाताओं को क्या रहेगी सुविधाएं
इस एप्लीकेशन के माध्यम से अभ्यर्थी अपना नामांकन फॉर्म एवं एफीडेविड ऑनलाइन भी प्रस्तुत कर सकते है। ऑनलाइन आवेदन करने के बाद अभ्यर्थी को एक स्लॉट का चयन कर निर्धारित तिथि एवं समय में भौतिक सत्यापन एवं नियत शुल्क के भुगतान हेतु रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना पड़ेगा। इस एप्लीकेशन का उपयोग कर रैली/सभा आदि की परमिशन के लिए भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इस हेतु विकसित इस विकसित सुविधा केंडीडेट एप को एनड्रायड/ आईओएस दोनों से डाउनलोड किया जा सकता है।
वोटर हेल्पलाइन एप एवं वोटर सर्विस पोर्टल
मोबाइल ऐप की सहायता से कोई भी नागरिक, मतदाता सूची में अपना नाम खोजने, पंजीकरण, संशोधन अथवा विलोपन के लिए फॉर्म जमा करने, मतदान केंद्र एवं बीएलओ के बारे में जानकारी प्राप्त करने, मतगणना के परिणाम जानने शिकायत करने, चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के बारे में विवरण खोजने का कार्य आसानी से कर सकते हैं।
वोटर सर्विस पोर्टल में भी नागरिक अपना नाम मतदाता सूची में जोड़े जाने, विलोपन अथवा संशोधन हेतु आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ-साथ मतदाता अपने आवेदन की अद्यतन स्थिति जान सकते हैं एवं ई-एपिक भी डाउनलोड कर सकते हैं। इस पोर्टल में मतदाता सर्च सुविधा, मतदाता सूची का लिंक एवं निर्वाचन सम्बंधित सभी अधिकारीयों की सूची भी प्राप्त की जा सकती है।
वोटर टर्न आउट एप
इस मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग कर मतदान के दिवस राज्य में विधानसभा वार में वोटर टर्नआउट (पुरुषों, महिलाओं और तृतीय लिंग (थर्ड जेंडर) की संख्या सहित) को देखा जा सकेगा।
एनजीएस (नेशनल ग्रिवेंश सर्विसेस पोर्टल)
इस पोर्टल का उपयोग मतदाता द्वारा मतदाता परिचय पत्र प्राप्त न होना, आवेदन फॉर्म का निराकरण न होना या आदर्श आचार संहिता उल्लंघन संबंधी शिकायतों को दर्ज करने के लिये किया जा सकता है।
सक्षम एप
दिव्यांग जनों की सुविधा के लिए आयोग द्वारा यह एप विकसित किया गया है। यह एप्लीकेशन एनड्रायड/आईओएस दोनों में उपलब्ध है। इस एप के माध्यम से दिव्यांगजन निर्वाचक नामावली में अपनी दिव्यांगता दर्ज कराने हेतु आवेदन कर सकेंगे। साथ ही मतदान दिवस में व्हीलचेयर हेतु रिक्वेस्ट भी डाल सकेंगे।
केवाईसी (नो यूवर केंडीडेट) एप
इस ऐप के माध्यम से निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों के बारे में जानकारियां प्राप्त हो सकेंगी। यदि अभ्यर्थी का कोई आपराधिक पूर्ववृत्त है तो इसकी जानकारी भी इस एप में उपलब्ध होगी।
इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम
इएसएमएस एप्लीकेशन के माध्यम से राज्य के 1600 से अधिक स्थैतिक एवं उडऩ दस्ता दल सभी प्रकार की जब्ती की कार्यवाही कर सकेंगे। इस हेतु पुलिस विभाग/आयकर विभाग/जीएसटी विभाग के अधिकारियों को ट्रेनिंग दिलाई जा चुकी है।
पांच राज्यों का चुनाव दो चरणों में होगा।
इन कठोर नियमों के अलावा चुनाव आयोग से अपेक्षा है कि वह इसे सभी बड़े राजनैतिक दलों पर भी अमल में लाने पहल करेंगे। पहले की गलतियों का पुनर्रावृत्ति न कर निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न करायेंगे। हम भलीभांति जानते हैं कि इस प्रणाली में निष्पक्ष चुनाव कराना कितना संभव है।
Add Comment