इस्पातनगरी में आ चुका है नेहरु सहित गांधी परिवार की चार पीढ़ी के राजनेता
21 सितंबर को भिलाई के महिला सम्मेलन में चुनावी शंखनाद करेंगी प्रियंका
विमल शंकर झामेहनतकशों के श्रम के गारे से मिनी इंडिया के नाम से दुनिया में जाने जाने वाले भिलाई नगर में देश विदेश की कई नामचीन हस्तियां आ चुकी हैं। इनमें दिग्गज राजनीतिज्ञों का ऐतिहासिक आगमन भविष्य और वर्तमान ही नहीं बल्कि इतिहास के झरोखों से दिखाई देने वाले औद्योगिक तीर्थ के साथ स्वर्णिम आधुनिक भारत के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ है।

नई पीढ़ी को यह जानकर सुखद आश्चर्य हो सकता है कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्वप्नदृष्टा पं. जवाहर लाल नेहरु के परिवार की चार पीढ़ी के राजनेता इस्पातनगरी में आ चुके हैं। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के 3 माह पूर्व चुनावी तैयारी का बिलुग फूंकने आज 21 सितंबर को यहां आने वाली इस परिवार की चौथी पीढ़ी की राजनीतिज्ञ कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी हैं।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए यूं तो अभी दो महीने से अधिक वक्त बाकी है। लेकिन इसके लिए चुनावी माहौल अभी से सरगर्म होने लगा है। इस बीच 3 माह पूर्व कांग्रेस के रायपुर राष्ट्रीय अधिवेशन में गांधी परिवार की युवा तुर्क नेत्री और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी की रेड रोज के रेड कार्पेट वाले चर्चित प्रवास के बाद भिलाई में कल कांग्रेस के महिला सम्मलेन में आगमन से कांग्रेसजनों के साथ महिलाओं में भी खासा उत्साह है।
कमल पर पंजे की ढीली हो चली पकड़ फिर से मजबूत करने की गरज से उनकी चुनावी गर्जना के साथ भिलाई में अतीत में नेहरु गांधी परिवार के सभी राजनीतिज्ञ सदस्यों के भिलाई आगमन की चर्चा भी बनी हुई है। नेहरु परिवार के औद्योगिक नगरी आने का सिलसिले का ऐतिहासिक आगाज 5 दशक पूर्व उस समय हुआ था, जब आधुनिक भारत के निर्माता और प्रथम प्रधानमंत्री पं. नेहरु पहली बार सेल के सिरमौर भिलाई इस्पात संयंत्र की यहां आधारशिला की तैयारी में 16 दिसंबर 1957 को भिलाई पधारे थे।
बीएसपी की तत्कालीन इस्पात बिरादरी और मप्र के प्रथम मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ला को उनके साथ नाती नन्हे राजीव गांधी को यहां देखना एक भावविभोर कर देने वाला यादगार अनुभव था। देश की बैकबोन माने जाने वाले 1956 में बीएसपी के सृजन में अहम किरदार निभाने वाले पं. नेहरु दूसरी बार तत्कालीन इस्पात मंत्री सदरदार स्वर्ण सिंह के साथ यहां 27 अक्टूबर 1960 को बीएसपी की रेल मिल के शिलान्यास और फिर 1962 में बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस व चुनाव पूर्व सुपेला मैदान में आए थे ।
उनकी याद में यहां नेहरु भवन व उनकी आदमकद प्रतिमा कांग्रेस नेता व साडाध्यक्ष दिवंगत भजन सिंह निरंकारी ने 1986 में स्थापित करवाई थी। इसके बाद उनकी पुत्री प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी यहां आई और दुर्ग मैदान में लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी सभा भी ली थी। इस दौरान सुपेला के शिक्षक काशीनाथ वर्मा ने कुछ शिक्षकों के साथ मंच पर उनसे बच्चों के लिए स्कूल खुलवाने के आग्रह पर आंबेडकर चौक रामनगर में स्कूल की सौगात मिली थी, जिसका नाम इंदिरा गांधी उमा स्कूल रखा गया।
इसके बाद इंदिरा के सुपुत्र राजीव गांधी भी अपने नाना की तरह 3 मर्तबा भिलाई आए। दूसरी बार वे यहां 1983 में बतौर कांग्रेस महासचिव आए और नेहरु हाउस आफ कल्चर सेक्टर 1 में कांग्रस सम्मेलन में पहुंचे जिन्होंने यहां भिलाई के भावी विधायक व प्रसिद्ध इंटक नेता दिवंगत रवि आर्य को संभावनाशील एक बड़े कांग्रेस नेता के रुप में प्रोजेक्ट किया था। तीसरी बार राजीव 31 अक्टूबर 84 को अपनी मां पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बतौर प्रधानमंत्री 1 मई 1989 को मई दिवस पर वहीं करीब 5 लाख लोगों की जनसभा में पहुंचे थे।
जहां आज 21 सितंबर को उनकी पुत्री कांग्रेस नेत्री चुनावी महिला सम्मेलन में आ रही हैं। प्रियंका इसके पूर्व पिछले 10 साल के दौरान 4 बार चुनावी सभा लेने भिलाई आ चुकी हैं। उनके पूर्व उनकी मां व तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी वर्ष 2002 में हुडको मैदान में लोकसभा चुनावी सभा और इसके बाद जयंती स्टेडियम मैदान में प्रियंका के साथ भी चुनावी सभा में आई थीं। इस दौरान पं. नेहरु के पड़ पोते तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव सहित 2 बार भिलाई आ चुके है।
लेखक पेशे से पत्रकार हैं और भिलाई छत्तीसगढ़ में निवासरत हैं।
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